Bihar Land Registry Rules: बिहार में दोबारा जमीन रजिस्ट्री पर नया नियम लागू

अगर आप बिहार में रहते हैं तो आपको हम बता दें कि बिहार में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नए नियम बनाए जा सकते हैं। बताते चलें कि अभी तक पुराने नियमों के अनुसार ही भूमि रजिस्ट्री का काम किया जा रहा था जिसे अब बदला जाएगा।

अब ऐसे में खबरें आ रही हैं कि नए बिहार लैंड रजिस्ट्री रूल्स लागू किए जाएंगे जिससे कि भूमि विवादों को कम किया जा सके। रजिस्ट्री की प्रक्रिया को डिजिटल बनाया जाएगा क्योंकि ऐसा करना सुरक्षित भी रहता है और पारदर्शी भी होता है। ‌

अगर आपको बिहार राज्य में आने वाले रजिस्ट्री के इन नए नियमों को जानना है तो हमारे आज के इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए। आज हम बताएंगे कि रजिस्ट्री से संबंधित कौन-कौन से बदलाव किए जा सकते हैं। साथ में आपको यह जानकारी भी देंगे कि कब से रजिस्ट्री के नए नियम लागू हो सकते हैं।

Bihar Land Registry Rules

बिहार में जमीन रजिस्ट्री से संबंधित सरकार काफी बड़ा बदलाव कर सकती है। यहां जानकारी के लिए बता दें कि भूमि रजिस्ट्री को लेकर 24 सितंबर से बिहार में कुछ नए नियम जारी किए जाएंगे। बताते चले कि फरवरी के माह में इन बदलावों को प्रस्तावित किया गया था पर उस समय इन्हें लागू नहीं किया गया था।

हालांकि इस बदलाव को इस साल के फरवरी के माह में प्रस्तावित किया गया था पर इन्हें तब लागू नहीं किया गया था। दरअसल कोर्ट ने बिहार लैंड रजिस्ट्री नए रूल्स पर 6 महीने तक के लिए रोक लगा दी गई थी। तो सितंबर में 6 महीने पूरे होने वाले हैं, इस वजह से इसे लेकर बिहार राज्य सरकार अब घोषणा कर सकती है।

जमीन के विवादों को कम करने का प्रयास

बिहार सरकार अपने राज्य के भूमि संबंधित विवादों को समाप्त करना चाहती है। यही वजह है कि फरवरी के महीने में नए नियमों को तैयार किया गया था। बताते चलें कि बिहार में जमीन से जुड़े हुए लड़ाई झगड़े बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं। ‌

इन सब विवादों को कंट्रोल में करने के उद्देश्य से ही बिहार लैंड रजिस्ट्री रूल्स को नए सिरे से बनाया गया था। ऐसा करने का उद्देश्य सरकार का विवादों को खत्म करना था और रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना था। वैसे हम आपको बता दें कि जब इन नियमों को पहली बार लागू किया तो राज्य के लोग कुछ ज्यादा संतुष्ट नहीं थे।

लोगों की असंतुष्टि को देखते हुए ही कोर्ट ने जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों को 6 महीने तक के लिए रद्द कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि 6 महीने तक पुराने नियमों के अंतर्गत ही भूमि की रजिस्ट्री की कार्यवाही की जाए। तो अब देखना यह है कि 24 सितंबर से भूमि विवादों को लागू किया जाएगा अथवा नहीं।

बिहार लैंड रजिस्ट्री रूल्स के तहत क्या होंगे बदलाव

यहां आपको हम बता दें कि अगर आपने कोई जमीन ली है तो इसकी रजिस्ट्री करवाना अब बहुत ही ज्यादा सुरक्षित और सरल हो गया है। इसके लिए बिहार की सरकार ने रजिस्ट्री को लेकर कई तरह के बड़े बदलाव किए हैं जैसे :-

  • आप बिहार में कोई भूमि खरीदत हैं तो ऐसे में आपको भूमि की रजिस्ट्री करवाने हेतु अपना आधार कार्ड अवश्य दिखाना होगा।
  • इसके अलावा विभाग की तरफ से यह भी जांचा जाता जाएगा कि आप जमीन के वास्तविक मालिक हैं या नहीं।
  • भूमि के मालिक का सबूत चेक करने के लिए ऑनलाइन माध्यम की सहायता ली जाएगी जिससे धोखाधड़ी को रोका जा सके।
  • भूमि रजिस्ट्री के नए नियमों के अनुसार अब स्टांप पेपर की बजाय इलेक्ट्रॉनिक स्टांप का उपयोग करना जरूरी होगा। ऐसा करने से रजिस्ट्री का कार्य शीघ्रता के साथ संपन्न होगा।
  • नए रूल्स के अनुसार भूमि की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में पहले के मुकाबले कम समय लगेगा।
  • लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होने की भी आवश्यकता नहीं होगी बल्कि सभी काम ऑनलाइन मोड में किया जाएगा।

जमीन की रजिस्ट्री अब होगी ऑनलाइन माध्यम से

बिहार की राज्य सरकार ने यह योजना बनाई है कि आने वाले समय में जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा सके। यदि ऐसा हो जाता है तो इससे रजिस्ट्री तेजी के साथ होगी और फर्जीवाड़े में भी रोक लग पाएगी।

इसके लिए भूमि स्वामित्व को वेरीफाई करने के लिए आधार कार्ड की मदद पहले ही लेना शुरू हो चुका है। इसके अलावा दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया रखी गई है, जिससे कि समय की बचत होगी और साथ में ऐसा करना सुरक्षित भी रहेगा।

ऑनलाइन रजिस्ट्री की प्रक्रिया के अंतर्गत लोगों को इलेक्ट्रॉनिक स्टांप पेपर को अनिवार्य बना दिया गया है। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और रजिस्ट्री भी सुरक्षित तरीके से हो सकेगी। ‌

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